अर्थशास्त्र एवं अर्थव्यवस्था Online Classes CGPSC VYAPAM : हम यह चाहते है की आप सभी हमारे इस ब्लॉग के माध्यम से मुफ्त में अपनी पढाई पूरी करें ताकि आपके पैसे बच जाये और आप अन्य पढाई की सामग्री में उसका उपयोग कर सकें।
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भारतीय अर्थशास्त्र – Indian Economics
- मूल अवधारणाएं – Basic Concept
- मूल समस्याएं – Basic Problem
- मूल समाधान – Basic Solution ( 3 भाग )
- मौद्रिक निति – Monitory Policy
- राजकोषीय निति – Fiscal Policy
- विदेशी व्यापार निति – Foreign Trade Policy
- वैश्विक अर्थव्यवस्था Global Economy
अर्थ का मतलब होता है मुद्रा से सम्बन्धित ( Money Related ), यह भारतीय पुरुषार्थ से जुडा हुआ : धर्म , अर्थ, काम, मोक्ष । शास्त्र का मतलब होता है अध्ययन ।
Economics and Economy Online Classes CGPSC VYAPAM Part 1
अर्थशास्त्र (Economics ) – यह एक विषय है, अनुशासन है जिसमें हम धन, मुद्रा या अर्थ को केन्द्र में रखते हुए अध्ययन करते है ।
अर्थ व्यवस्था ( Economy ) – अर्थ का मतलब धन है और व्यवस्था का मतलब कार्यप्रणाली से है । मुद्रा या अर्थ को केन्द्र में रखकर बनायीं गई व्यवस्था को अर्थ-व्यवस्था (Economy ) कहा जाता है ।
अर्थशास्त्र (Economics ) अर्थ व्यवस्था ( Economy )
- यह सिधान्त है । यह व्यवहार है ।
- इसे पढ़ा जा सकता है । इसे गतिविधि के रूप में किया जाता है ।
- यह एक कल्पना है । यह यथार्थ है ।
- जब अर्थशास्त्र के सिधान्तों को अवधारणाओं को व्यवहार में उतरा जाता है या क्रियान्वित किया जाता है तो अर्थ व्यवस्था का जन्म होता है ।
- जब आर्थिक वस्तु एवं सेवा के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों का अध्ययन किया जाता है अर्थशास्त्र कहलाता है ।
- आर्थिक वस्तु एवं सेवा के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों का निष्पादन अर्थशास्त्र कहलाता है ।
आर्थिक वस्तु एवं सेवा
- जो उत्पादित किया जा रहा हो ।
- जिसका आर्थिक या बाजार मूल्य हो ।
वस्तु : वस्तु वह है जिसे हम छू सकते है , देख एवं माप सकते है ।
सेवा : सेवा वह है जिसे हम महसूस कर सकते है ।
गतिविधिया : उत्पादन, उपभोग, निवेश, विनिमय ( करी-विक्रय )।
- उत्पादन : आर्थिक वस्तुओं का सृजन करना ।
- उपभोग : आर्थिक वस्तुओं से अपनी आवश्यकताओं को पूर्ण करना ।
- निवेश : उत्पादन को आगे बढ़ाने के लिए किया गया प्रयास ।
- विनिमय :
- क्रय-विक्रय – आर्थिक वस्तुओं एवं सेवाओं का क्रय-विक्रय ।
- संग्रहण – उत्पादित वस्तुओं या सेवाओं को एकत्रित करना ।
- परिवहन – वस्तुओं या सेवाओं को एक स्थान से दुसरे स्थान ले जाना ।
- विपणन – वस्तुओं या सेवाओं की जानकारी देना ।