संसद की शक्तियां निम्न होती है :-
- न्यायिक शक्ति
- कार्यपालिका शक्ति
- विधायी शक्ति
- वित्तीय शक्ति
- निर्वाचन की शक्ति
- अन्य शक्ति
1. संसद की शक्तियां- न्यायिक शक्ति
- राष्ट्रपति को हटा सकती है ।
- उपराष्ट्रपति को हटा सकती है ।
- सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय न्यायधीश को हटा सकती है ।
- CAG, CEG, UPSC हटा सकती है ।
ये सारी अर्धन्यायिक प्रक्रिया है ।
2. संसद की शक्तियां – कार्यपालिका शक्ति
- संसदीय शासन ।
- लोकसभा के प्रति – प्रश्न काल, शून्यकाल, ध्यानाकर्षण, प्रस्ताव, सरकारी विधेयक पारित नहीं करना आदि ।
- नियंत्रण के शासन ।
- CAG, CEG, UPSC हटा सकती है ।
3. संसद की शक्तियां – विधायी शक्ति
- देश में विधायन की सर्वोच्च संस्था ।
- सामान्य विधि संघ सूची के विधान ।
- अध्यादेश की स्वीकृति ।
- कार्यपालक विधि का ढांचा ।
- असामान्य परिस्थिति में राज्य सूची में कानून बना सकती है ।
4. संसद की शक्तियां – वित्तीय शक्ति
- वार्षिक बजट का अनुमोदन ।
- संचित, आकस्मिक निधि से धन निकालना ।
- वित्तीय नियंत्रण सामितियाँ ।
संसद की निधियां
संचित निधि 266 पहले पारित ।
- भारित व्यय – मतदान की आवश्यकता नहीं ।
- विनियोग – मतदान आवश्यक है ।
लोकलेखा निधि
आकस्मिक निधि 267
- खर्च पहले किया जा सकता है बाद में राष्ट्रपति को सूचित किया जाता है ।
संसद की शक्तियाँ
सामितियाँ
लोक लेखा समिति (DAC) 1921
- सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष (लोकसभा से 15 एवं 7 राज्यसभा से – कुल 21 सदस्य) ।
- सभापति – अध्यक्ष चुनता है ।
- कार्य – CAG रिपोर्ट का अध्ययन ।
- अध्यक्ष – मल्लिकार्जुन खड्गे ।
प्राकलन समिति 1921
- 30 पुरे सदस्य लोक सभा से ।
- मितव्ययिता के सुझाव ।
- चुनाव अप्रत्यक्ष ।
- अवधि – 1 वर्ष ।
इसमें मंत्री सदस्य नहीं हो सकते ।
लोक उपक्रम की समिति
- सदस्यों (लोकसभा से 15 एवं 7 राज्यसभा से – कुल 21 सदस्य) ।
- लोक उपक्रम में सुझाव देगी एवं जांच करेगी ।
- सभापति लोकसभा से होगा ।
5. संसद की शक्तियां – निर्वाचन शक्तियाँ
- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा एवं राज्यसभा निर्वाचन सम्बन्धी नियम ।
- जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 ।
- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनयम 1952 ।
6. संसद की शक्तियां – अन्य शक्ति
- राज्य पुनर्गठन ।
- नागरिकता।
1993 से बजट संसद में जाना प्रारम्भ हुआ है ।
विशेषाधिकार – सामूहिक तथा व्यक्तिगत ।
व्यक्तिगत –
संसद के कार्य न्यायालय में पेश नहीं किया जाते ।
संसद सत्र के 90 दिन पूर्व एवं 40 दिन बाद गिरफ्तारी नहीं (दीवानी मामलों में लागू)।
संसदीय नियंत्रण की अप्रभाविता
- संविधान की सर्वोच्यत ।
- लिखित संविधान ( लिखित संविधान होने के कारण न्यायालय को व्याख्या का अधिकार) ।
- न्यायिक पुनराविलोकन
- संघीय शासन