20 अगस्त 1917 में भारत सचिव मोन्टेग्यु ने सुधारों की घोषणा की जिसमें कहा गया की भारत में ब्रिटिश शासन का लक्ष्य स्वशासित संस्थाओं का क्रमिक विकास है। जिससे ब्रिटिश शासन एक अभिन्न अंग के रूप में क्रमशः एक उत्तरदायी शासन की स्थापना कर सके। इसे अगस्त घोषणा के नाम से भी जाना जाता है।
घोषणा का उद्देश्य
- इस घोषणा का उद्देश्य प्रथम विश्व युद्ध में भारतियों का सहयोग पाना था ।
- 1918 में भारत सचिव मोन्टेग्यु तथा वायसराय चेम्सफोर्ड ने सुधारों की अपनी योजना प्रस्तुत की और यही रिपोर्ट 1919 के संवैधानिक सुधारों का आधार बना।
मोन्टेग्यु घोषणा – अगस्त घोषणा
प्रतिक्रिया
- इस घोषणा एवं रिपोर्ट को तिलक ने अमान्य कर दिया था ।
- जबकि सुरेन्द्र नाथ बनर्जी के नेतृत्त्व में उदारवादियों ने इन सुधारों का समर्थन किया ।