डायनामाईट काण्ड – छत्तीसगढ़ में भारत छोड़ो आन्दोलन

छत्तीसगढ़ में भारत छोड़ो आन्दोलन-डायनामाईट काण्ड

डायनामाईट काण्ड – भारत छोड़ो आन्दोलन के समय होने वाली प्रमुख घटनाएँ

  1. दुर्ग में “रघुनंदन सिंगरौल” द्वारा कचहरी एवं न्यायपालिका भवन में आग लगाया गया तथा जिसके आरोप में इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया ।
  2. “ठाकुर रामकृष्ण सिंह” को नागपुर में झंडा फहराने के आरोप में सितम्बर 1942 में गिरफ्तार किया गया ।
  3. “नेतानाथ तिवारी” को रायपुर के गांधी चौक में सभा का नेतृत्व करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया ।
  4. रायपुर में “रणवीर सिंह शास्त्री” को 10 अगस्त 1942 को विद्यार्थियों का विशाल जुलुस निकालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया ।
  5. “ईश्वरीचरण शुक्ल” एवं “नारायण दस राठौर” को लेटर बॉक्स जलने एवं टेलीफोन कनेक्शन काटने के आरोप में गिरफ्तार किया गया ।
  6. 26 सितम्बर 1942 में “रणवीर सिंह शास्त्री” को रेल के डिब्बों के कनेक्शन काटने और टेलीफोन कनेक्शन काटने के आरोप में तथा सरकारी सम्पत्ति को क्षति पहुँचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया ।..

छ.ग. में भारत छोड़ो आन्दोलन-डायनामाईट काण्ड

रायपुर जेल डायनामाईट काण्ड – 1942/1944

जबलपुर के विलख नारायण अग्रवाल तथा ईश्वरीचरण शुक्ल के द्वारा रायपुर जेल में बंद राष्ट्रवादी नेताओं को जेल से बाहर निकालने हेतु विस्फोट करने की योजना बाने गई । इसके नेतृत्वकर्ता “विलख नारायण अग्रवाल” थे, तथा इनके सहयोगी ईश्वरीचरण शुक्ल, जयनारायण पाण्डेय, नागरदास बावरिया तथा सुधीर मुखर्जी थे ।
इन क्रांतिकारियों ने जेल में डायनामाईट से विस्फोट तो किया परन्तु “अविनाश संग्राम” के मुखबिरी करने के कारण यह योजना असफल हो गयी 
 

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