डायनामाईट काण्ड – छत्तीसगढ़ में भारत छोड़ो आन्दोलन
डायनामाईट काण्ड – भारत छोड़ो आन्दोलन के समय होने वाली प्रमुख घटनाएँ दुर्ग में “रघुनंदन सिंगरौल” द्वारा कचहरी एवं न्यायपालिका भवन में आग लगाया गया तथा जिसके
डायनामाईट काण्ड – भारत छोड़ो आन्दोलन के समय होने वाली प्रमुख घटनाएँ दुर्ग में “रघुनंदन सिंगरौल” द्वारा कचहरी एवं न्यायपालिका भवन में आग लगाया गया तथा जिसके
कैबिनेट मिशन – संविधान सभा में छत्तीसगढ़ का नेतृत्व (1946) कैबिनेट मिशन के तहत भारत के संविधान निर्माण में गठित संविधान निर्मात्री सभा में बरार एवं मध्यप्रांत
द्वितीय सविनय अवज्ञा आन्दोलन के समय गांधीजी ने हरिजन कल्याण हेतु समस्त भारत की यात्रा की, इसी क्रम में गांधीजी का द्वितीय आगमन छत्तीसगढ़ में भी हुआ। यहाँ
गांधीजी द्वितीय गोलमेज सम्मेलन 1931 में भाग लेने लंदन गए, इस गोलमेज सम्मेलन में छत्तीसगढ़ से एकमात्र रामनुज प्रताप सिंहदेव ने भाग लिया। इस सम्मेलन में गांधी
सविनय अवज्ञा आन्दोलन के दौरान छत्तीसगढ़ में अनेक जंगल सत्याग्रह हुआ। यह सत्याग्रह वन अधिकार अधिनियम 1927 के कानूनों को तोडना तथा अपने निवास क्षेत्र भूमि तथा
सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रथम चरण ब्रिटिश शासन द्वारा गाँधीजी के 11 सूत्रीय मांगो को अस्वीकार करने के बाद 12 मार्च 1930 को महात्मा गांधी ने साबरमती से विरोध