विजयनगर साम्राज्य – कर्नाटका

विजयनगर साम्राज्य - कर्नाटका
जब मुहम्‍मद बिन तुगलक दक्षिण में अपनी शक्ति खो रहा था तब दो हिन्‍दु राजकुमार हरिहर और बूक्‍का राय ने कृष्‍णा और तुंगभद्रा नदियों के बीच 1336 में एक स्‍वतंत्र राज्‍य की स्‍थापना की।

स्थापना – 1336 ईस्वी
संस्थापक – हरिहर और बूक्‍का राय ( भाई)
राजधानी – हम्पी (आँध्रप्रदेश)
हरिहर व बुक्का के गुरु – माधव विद्यारण्य
पिता – संगम
विजयनगर साम्राज्य में कुल 4 वंशों ने शासन किया –
  • संगम वंश – हरिहर व बुक्का – 1336-1486 ईस्वी
  • सुलुत वंश – नरसिंह सुलुत – 1486-1505 ईस्वी
  • तुलुव वंश – वीर नरसिंह – 1505-1570 ईस्वी
  • अराबिडू वंश – 1570-1614 ईस्वी

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लोदी वंश – दिल्ली सल्तनत

लोदी वंश - दिल्ली सल्तनत

बहलोल लोदी – 1451-1489

लोदी वंश के संस्थापक बहलोल लोदी थे । ये लोदी वंश के प्रथम शासक थे, लोदी वंश को भारत के प्रथम अफगान व पठान वंश भी कहते है ।
दिल्ली सल्तनत में सबसे लम्बे समय तक शासन करने वाले शासक हुए।

सिकन्दर लोदी – 1489-1517 ई.

  • 1504 ईस्वी में आगरा शहर को बसाया ।
  • 1506 में आगरा को राजधानी बनाया।
  • गुलरुखी नामक साहित्य की रचना की।
  • भूमि के नाप के लिए – गज – ऐ – सिकन्दर नामक पैमाना चलाया जिसकी नाप 30 इंच का था ।

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फिरोज शाह तुगलक – तुगलक वंश

फिरोज शाह तुगलक - तुगलक वंश
फिरोज शाह तुगलक को सल्तनत काल का अकबर एवं सल्तनत काल औरंगजेब भी कहा जाता है। इसने 5 प्रमुख शहर नए बसाए थे –
1. जौनपुर
2. फिरोजाबाद
3. फतेहाबाद
4. फिरोजपुर
5. हिसार

A. फिरोज शाह तुगलक 1351-1388

फिरोज शाह तुगलक द्वारा किये गए  प्रशासनिक एवं निर्माण कार्य

  • फिरोज शाह तुगलक के द्वारा ब्राह्मणों पर भी “जजिया कर” लगाया गया।
  • इसने 1200 बाग़ बगीचे का निर्माण करवाया।
  • 5 नहर बनवाये।

रचना व अभियान

  • जगन्नाथ मंदिर को लुटा, काकड़ा के ज्वालामुखी मंदिर को भी लुटा एवं तुडवाया।
  • इसके दरबारी कवि “जियाउद्दीन बरनी” थे, इनकी रचना – तारीखे-ऐ-फिरोजशाही
  • फिरोजशाह तुगलक ने अपनी आत्मकथा स्वय लिखी थी – “फतुहाते-ऐ-फिरोजशाही“।

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मोहम्मद बिन तुगलक – तुगलक वंश

मोहम्मद बिन तुगलक - तुगलक वंश
गयासुद्दीन तुगलक ने मोहम्मद बिन तुगलक उर्फ़ जौना खां को उलगु खां की उपाधि देकर अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था।

मोहम्मद बिन तुगलक 1325-51

मोहम्मद बिन तुगलक इतिहास में अपने 3 सनकी योजनाओं के लिए प्रसिद्द हुआ।
  • दोआब क्षेत्रों में कर वृद्धि । ( 1326-27 )
  • राजधानी परिवर्तन –  दिल्ली से देवगिरी को राजधानी बनाया देवगिरी का नाम बदलकर दौलताबाद रखा।
  • सांकेतिक मुद्रा का प्रचालन – मोहम्मद बिन तुगलक ने तांबे का सिक्का चलाया और उसका मूल्य चांदी के सिक्के (टंका) के बराबर कर दिया।

इनके शासन काल में 26 वर्ष में कुल 22 प्रमुख विद्रोह हुआ, इसी विद्रोह से दो साम्राज्यों का भी स्थापना हुई।
  • 1336 – विजय नगर साम्राज्य ( हरियर एवं बुक्का दो भाई थे )।
  • 1347 – बहमनी साम्राज्य ( हसन गंगू या अलाउद्दीन बहमन शाह )

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अलाउद्दीन खिलजी – खिलजी वंश 1290-1320

अलाउद्दीन खिलजी 1290-1320 - खिलजी वंश

खिलजी वंश 1290-1320 ई.

गुलाम वंश को ख़त्म कर खिलजी वंश का उदय हुआ। जलालुद्दीन खिलजी ने गुलाम वंश के अंतिम शासक क्युमर्स की हत्या कर खिलजी वंश की स्थापना की और भारत में खिलजी शासन की शुरुआत हुई।
खिलजी वंश के संस्थापक – जलालुद्दीन खिलजी
राजधानी – किलोखरी
शासन – दिल्ली सल्तनत

1. जलालुद्दीन खिलजी 1290-96 ई.

खिलजी वंश के संस्थापक – जलालुद्दीन खिलजी
राजधानी – किलोखरी
शासन – दिल्ली सल्तनत
जलालुद्दीन खिलजी दिल्ली सल्तनत के सबसे वयोवृद्ध शासक थे, इन्होने मंगोलों को दिल्ली के आस पास रहने की अनुमति प्रदान की थी।

2. अलाउद्दीन खिलजी 1296-1316 ई.

अलाउद्दीन खिलजी का अन्य नाम अली और गुरशास्प है, इसने बलबन के लाल महल में अपना राज्यभिषेक किया, तथा इसने स्वयं को “सिकंदर – ऐ – सानी” की उपाधि से सुशोभित किया था।
  • अलाउद्दीन खिलजी को भारत का प्रथम मुस्लिम सम्राट माना जाता है।
  • इसका दरबारी कवि “आमिर खुसरो” था, रचना – खजाइन – उल – फतह।
  • सर्वाधिक मंगोल आक्रमण इन्ही के शासन काल में हुए।
  • इन्ही के दौरा मूल्य नियंत्रण निति अपनाई गई।
  • अलाउद्दीन खिलजी द्वारा स्थायी सैनिक रखा गया था जिन्हें नकद वेतन दिया जाता था।
इनके द्वारा अनेक 24 प्रकार के कर लगाए। मुख्य कर निम्न प्रकार थे –
 
  • जजिया – गैर मुसलामानों से लिया जाता था।
  • जकात – मुसलमानों से
  • खिराज – भू-राजस्व कर ( 1/6 से बढ़ाकर 1/2 कर दिया )
  • खम्स – लुट में राजा का हिस्सा (1/4 से बढाकर 3/4 कर दिया गया )
  • उश्र – सिंचाई कर

अपने बाजार नियंत्रण के लिए विभिन्न प्रकार के अधिकारियों की नियुक्ति की–

1. “दीवान – ऐ – रियासत” – व्यापारियों पर नियंत्रण
2. “शहनाई – ऐ – मंडी” – बाजार का अधीक्षक
3. “बारिद” – बाजार का देखरेख करने वाला
4. “मुहतसिव” – नाप तौल अधिकारी

अलाउद्दीन खिलजी द्वारा किया गया निर्माण कार्य —

 
  • अलाई दरवाजा – कुतुबमीनार के प्रांगन में अलाई-दरवाजा का निर्माण करवाया।
  • कुषक -ऐ-सीरी – दिल्ली

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