1857 की क्रांति CGPSC Online Classes: हमारे इतिहास में 1857 की क्रांति की कई कहानियां हैं, जिनमें कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं भी शामिल हैं जिन्हें हम अपनी पढ़ाई और दिनचर्या में लगातार सुनते और पढ़ते हैं। हम आपके लिए यह महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आए हैं जो सीजीपीएससी और एक अन्य प्रतियोगी परीक्षा के लिए उपयोगी साबित हो सकती है। तो चलिए शुरू करते हैं आज की क्लास।
1857 की क्रांति
- 1856 ई. में लार्ड केनिंग गवर्नर जनरल बनकर भारत आया , उसके आगमन तक सम्पूर्ण भारत का प्रशासनिक एवं राजनैतिक एकीकरण हो गया था । परन्तु अंग्रेजी राज के उत्पीडन एवं शोषण के कारण जानता में व्यापक असंतोष था ।
- यही असंतोष 1857 की क्रांति के रूप में प्रस्फुटित हुआ जिसने ब्रिटिश शाशन की जड़े हिला दी थी, यद्यपि इसकी शुरुआत सेना के भारतीय सिपाहियों की गई किन्तु शीघ्र ही इसकी परिधि में समाज के अन्य लोग भी शामिल हो गए ।
- यह विद्रोह सर्कार के नीतियों के विरुद्ध जानता के मन में संचित असंतोष एवं विदेशी सत्ता के प्रति घृणा का परिणाम था ।
- सामाजिक, आर्थिक, राजनितिक, सैनिक एवं धार्मिक आदि क्षेत्रों में अंग्रेजों के नीतियों ने जो अस्त व्यस्तता व असंतोष की भावना उत्पन्न की उसी की अभिव्यक्ति सेना, सामंत व जानता के माध्यम से 1857 की क्रांति के रूप में प्रस्फुटित हुई थी ।