Importance of Indian Constitution Preamble – प्रस्तावना का महत्व – प्रस्तावना वह उद्देश्य है जिसे ध्यान में रखकर संविधान निर्माताओं ने संविधान का निर्माण किया है अर्थात प्रस्तावना संविधान निर्माताओं के स्वप्नों के भारत का प्रतिबिम्ब है ।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना का महत्व
“ठाकुर दस भार्गव के शब्दों में “ – प्रस्तावना संविधान निर्माताओं के दिमाग की कुंजी है, तथा यह उनकी आत्मा है ।
“सदस्य – अन्नादि कृष्णा स्वामी अय्यर के शब्दों में “ – प्रस्तावना हमारे दीर्घ कालिक विचारों एवं स्वप्नों की अभिव्यक्ति है ।
“के. एम्. मुंशी के शब्दों में” – प्रस्तावना हमारे सम्प्रभु लोकतान्त्रिक गणराज्य की कुंडली है ।
संविधान निर्माण के अंत में प्रस्तावना को इसमें जोड़ा गया अतः यह प्रश्न उठा की क्या प्रस्तावना संविधान का भाग है? — बेरुवाड़ी संघवाद में (1960) उच्चतम न्यायालय ने प्रस्तावना के महत्व को स्वीकार किया परन्तु इसे संविधान का भाग नहीं माना ।
केशवानंद भारती बनाम केरल वाद 1973 में उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले को पलटते हुए प्रस्तावना को संविधान का अंग माना । 1995 में LIC वाद में भी उच्चतम न्यायालय ने इस व्याख्या को यथावत रखा ।