देवरानी जेठानी मंदिर तालागांव बिलासपुर

 

देवरानी जेठानी मंदिर तालागांव बिलासपुर   – यहां रुद्र शिव की एक मूर्ति स्थापित है जो विभिन्न जानवरों के शरीर से बनाई गई है। यह छत्तीसगढ़ राज्य के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है।यहाँ पर दक्षिण कोसल के शरभपुरीय राजाओ द्वारा  2 शिव मंदिरों का निर्माण किया गया था। ताला गाँव बिलासपुर जिले में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है, यह मनियारी नदी के किनारे बसा हुआ है, किन्तु कुछ ही दुरी पर यह नदी दूसरी बड़ी नदी शिवनाथ नदी से मिलकर संगम बनाती है।

ये दोनों मन्दिर  निम्नानुसार है :-
(a)देवरानी मन्दिर :-  इस मन्दिर के पीछे शिवनाथ नदी की सहायक नदी “मनियारी ” प्रवाहित होती है , इन  मंदिरों में  छत नहीं है , हिन्दू मत के अनुसार यहाँ विभिन्न देवी देवतओं, पशु एवं विभिन्न अंकों की कला कृति  एवं रूद्र शिव की प्रतिमा मुख्य रूप से प्रसिद्ध है।

Devrani Jethani Bilaspur Talagaon Temple

यह रूद्र शिव प्रतिमा एकदम अद्भुत एवं विलक्षण दिखाई देती है , इस मूर्ति में अंगो के रूप में पशु, मानव एवं देव या सिंह मुख बनाये गए है , इस मूर्ति का मुकुट दो साँपों के रूप में है , कान और उसकी बाली  के रूप में मोर है, आँखों के ऊपर भौं के रूप में छिपकली है, चेहरें में ठुड्डी की जगह केकड़ा एवं हाथ मगरमच्छ के मुह जैसा है।
अजीबो गरीब मूर्ति होने की वजह से कई लोग इन्हें रूद्र शिव का रूप मानते है तो पुरातत्व में यह अब भी तर्क का कारण बना हुआ है।
पुरातत्व विभाग द्वारा यह दर्शाया या बताया गया है की Devrani Jethani Temple Talagaon  – देवरानी जेठानी मन्दिर ताला गाँव   छठी शताब्दी में निर्मित हुआ होगा।
b) जेठानी मन्दिर :- यह मन्दिर पूर्ण रूप से भगवान शिव को समर्पित है , इस मन्दिर में एक मंडप जैसा निर्माण देखने को मिलता है , इसके चारों ओर बड़े बड़े खम्भे टूटे हुए बिखरे हुए है। Devrani Jethani Bilaspur Talagaon Temple पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त है , इसलिए इस बारे में जानना थोडा कठिन सा है।