वित्तीय आपातकाल

वित्तीय आपातकाल

आपातकालीन उपबंध भाग – 18 – अनुच्छेद 352-360

भारतीय संविधान में 3 प्रकार के आपात  का उल्लेख किया गया है किन्तु कुछ में आपात शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया है ।
1. राष्ट्रीय आपातकाल
2. राष्ट्रपति शासन
3. वित्तीय आपातकाल

वित्तीय आपातकाल – अनु. 360  

वित्तीय आपातकाल

घोषणा

राष्ट्रपति “वित्तीय आपातकाल”  की घोषणा करता है, किन्तु यह घोषणा मंत्रिमंडल की  सहमती या सलाह पर ही कर सकता है।

संसद की सहमती

वित्तीय आपातकाल में संसद की सहमती 2 माह के अंदर  दोनों सदनों के सामान्य  बहुमत से होनी चाहिए और वित्तीय आपातकाल  जब तक हाटाय न जाए तब तक जारी रहता है  ।

क्षेत्र

पूरा देश  ।
राज्य – “वित्तीय आपातकाल”  के समय राज्यों के बजट में कटौती, वित्त आयोग के सिफारिश पर मिलने वाले अंशों में कटौती, वेतन में कटौती ( सर्वोच्च न्यायलय तथा उच्च न्यायलय के न्यायाधीशों के वेतन को भी मिलाकर ) ।
 

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