राज्य की विधायिका – राज्य का गठन

राज्य की विधायिका राज्य का गठन

राज्य का गठन

अनुच्छेद 168 में उल्लेख है की प्रत्येक राज्य के लिए एक विधान मंडल होगा ।

विधान मंडल  राज्यपाल और सदनों से मिलकर बनेगा, जिसमें
1. कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, आँध्रप्रदेश में दो सदनों से
2. उपरोक्त राज्यों को छोड़कर अन्य राज्यों में एक सदन से मिलकर बनेगा ।
जिस राज्य में विधान मंडल के  दो सदन होंगे वहां एक का नाम विधान परिषद तथा दुसरे का नाम विधान सभा होगा ।
जिस राज्य में एक सदन होगा उसका नाम विधान सभा रहेगा ।
सामान्य शब्दों में जिस राज्य में एक सदन होते है वहां राज्यपाल और विधायिका का एक सदन (जिसे विधान सभा कहा जाता है) होता है वह  एक सदनीय विधान मण्डल कहलाता है ।
जिस राज्य में राज्यपाल के अलावा विधायिका के दो सदन ( विधान सभा एवं विधान परिषद) होते है उसे द्विसदनीय विधान मंडल कहते है ।

राज्य की विधायिका – राज्य का गठन 

 
अनुच्छेद 169 – विधान परिषद का सृजन एवं उत्साद
अनुच्छेद 170 – विधान सभा की संरचना – निम्न , स्थायी एवं 5 वर्ष
अनुच्छेद 171 – विधान परिषद की संरचना ( गठन) – उच्च , स्थायी एवं 6 वर्ष
राज्य का गठन – अगर किसी राज्य की विधान परिषद्  सभी 2/3 (विशेष बहुमत से )प्रस्ताव पारित करे तो उसे संसद सामान्य बहुमत से सृजत या उत्साद कर सकती है ।
अनुच्छेद 182 – विधान परिषद के सभापति तथा उपसभापति का निर्वाचन विधान परिषद करती है ।

7 वें संविधान संशोधन 1956 के द्वारा मध्यप्रदेश के लिए विधान परिषद की व्यवस्था की गई थी किन्तु इसे अस्तित्व में नहीं लाया जा सका ।

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