Himalayan Rivers and Altitudinal Himalayas Spread in River Valleys हिमालय की नदियाँ एवं नदी घाटियों (Altitudinal) में फैला हिमालय के नाम – अनुदैर्ध्य श्रेणी में हिमालय के अलावा नदी घाटियों (Altitudinal) के फैलाव के कारण हिमालय को अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है।
अनुदैर्ध्य श्रेणी में बसे हिमालय के आलावा हिमालय को उसे नदी घाटियों के फैलाव की वजह से भी अलग अलग नामों से जानते है।
हिमालय की नदियाँ एवं नदी घाटियों (Altitudinal) में फैला हिमालय के नाम
Himalayan Rivers and Altitudinal Himalayas Spread in River Valleys
हिमालय को longitudinal Range के अलावा नदियों द्वारा बनाये गए घाटियों के आधार पर भी विभाजित किया गया है। भारत में यह अलग अलग है, जो पश्चिम से पूर्व की ओर की नदियों के आधार पर है जिनकी उत्पत्ति हिमालय की गोद से होती है और भारत में इसका बहाव है।
कुछ नदियाँ पुर्णतः भारत में बहती है तो कुछ नदियों का कुछ ही हिस्सा भारत में है। आइये जानते है की कौन सी नदी का हमारे भारत में सम्पूर्ण रूप से फैलाव या नदी क्षेत्र है और किनका नहीं।
यह जानने के पहले हमें उन नदियों के बारे में जानना जरुरी है की वो कौन सी नदियाँ है जिनके बनाये गए घाटी के आधार पर हिमालय का अलग अलग नाम रखा गया है और इनकी उत्पत्ति हिमालय के कौन से भाग से हुई है और ये महासागर से पहले किस पर जाकर मिलती है।
हिमालय से निकली प्रमुख नदियों के नाम – Names of major rivers originating from the Himalayas
सिंध नदी Indus river : यह नदी तिब्बत ( Great Himalaya ) के मानसरोवर के समीप से निकली है और यह पश्चिम की तरफ बहती हुयी भारत के उत्तरी भाग कश्मीर से भारत में प्रवेश कर पंजाब होते हुए पाकिस्तान की ओर जाकर अरब सागर में विलय हो जाती है।
सिंध नदी 2900 किलोमीटर की दुरी तय करटी है . यह अपने मार्ग में बहुत सी मनमोहक दृश की घाटियों का निर्माण करती है जिनको जम्मू काश्मीर में देखा जा सकता है . भारत में सिंध नदी का बहाव 1/3 भाग ही है शेष भाग पाकिस्तान में है।
सतलज नदी Satluj River : इस नदी की उत्पत्ति भी तिब्बत ( Great Himalaya ) से ही हुयी है और यह भारत में हिमाचल प्रदेश से प्रवेश कर पंजाब होते हुए पाकिस्तान के रास्ते Indus नदी से मिल जाती है।
यह नदी लगभग 1450 किलोमीटर लम्बी है। सतलज नदी पर ही एशिया का सबसे बढ़ा बांध “भाखड़ा नंगल बाँध” बनाया गया है और इसके बनने से ही कृत्रिम झील “गोविन्द सागर ” का निर्माण हुआ है।
गंगा नदी Ganga River : जैसा की सभी जानते है की गंगा हमारी पूजनीय है और यह संपूर्णतः भारत की नदी है जो उत्तराखंड के गंगोत्री नामक ग्लेशियर से निकली है जो की हिमाचल हिमालय का एक भाग है।
गंगा मैय्या की कहानी के बारे में बहुत कथाएं है जिनका हम सत्कार करते है। गंगा नदी भारत की सबसे लम्बी नदी है और यह गंगोत्री से बंगाल की खाड़ी तक 2525 किलोमीटर का सफर तय करती है।
ब्रह्मपुत्र नदी Brahmaputra River : यह नदी भी तिब्बत ( Great Himalaya ) के मानसरोवर झील के पश्चिम से जो की Indus और सतलज के समीप ही है वहीँ से इसकी उत्पत्ति हुई है।
यह नदी Great Himalaya के समानांतर बहती हुयी पश्चिम से पूर्व की ओर बहते हुए पूर्व में स्थित नामचा बारवा पर्वत से टकरा कर दक्षिण में मुड़कर भारत में अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करते हुए पुरे आसाम को कवर करते हुए बांग्लादेश के पास Ganga से मिलती है।
इस नदी को भारत में प्रवेश के समय दिहांग के नाम से जाना जाता है और आसाम में इसे ब्रह्मपुत्र के नाम से पुकारा जाता है। बांग्लादेश में गंगा से मिलने के पूर्व इसका नाम पद्मा तथा गंगा से मिलने के बाद मेघना के नाम से जानी जाती है ।
ये दोनों नदियाँ मिलकर विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा का निर्माण करती है।
Altitudinal Himalayas Spread in River Valleys
नदी घाटियों के अनुसार हिमालय के भाग Parts of the Himalayas according to river valleys :
सिंध एवं सतलज के बिच Between Indus & Satluj River : इन नदियों के बिच के भाग को पारंपरिक (Traditionally ) तौर पर पंजाब हिमालय कहा जाता है ।
किन्तु क्षेत्रीय तौर पर इस भाग के पश्चिम को कश्मीर हिमालय और पूर्वी भाग को हिमाचल हिमालय कहा जाता है।
सतलज एवं काली नदी घाटी Satluj & Kali River : इस भाग को कुमौन ( Kumaon ) हिमालय कहा जाता है।
काली एवं तिश्ता नदी घाटी Kali & Tishta River : इस भाग को नेपाल हिमालय के नाम से जाना जाता है।
तिश्ता एवं दिहांग (ब्रह्मपुत्र ) नदी घाटी Tishta & Dihang River : इस भाग को आसाम हिमालय के नाम से जाना जाता है।
दिहांग नदी के बाद हिमालय दक्षिण की ओर मुडकर भारत की पूर्वी सीमा का निर्माण करता है जिसे “पूर्वांचल “कहा जाता है या पुर्वीय पर्वतीय क्षेत्र कहा जाता है।
इस क्षेत्र में घने जंगल है जो पुरे क्षेत्र को ढके हुए है। इस क्षेत्र में मुख्यतः पटकाई हिल्स,नागा ,मिजो एवं मणिपुर हिल्स है जो भारत के पूर्वी क्षेत्र का निर्माण करते है।
आशा करता हूँ की यह जानकारी आपको पसंद आई होगी , अन्य किसी भी जानकारी के लिए कृपया मेल या कमेन्ट करें .