चित्रकोट और तीरथगढ़ जलप्रपात जगदलपुर बस्तर की शान हैं। चित्रकोट जलप्रपात को छत्तीसगढ़ का नियाग्रा जलप्रपात भी कहा जाता है।
Chitrakot and Tirathgarh Waterfall – चित्रकोट एवं तीरथगढ़ जलप्रपात जगदलपुर एक बहुत ही रमणीक पर्यटन स्थल है , यह छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित है. यह जलप्रपात जिला मुख्यालय जगदलपुर से लगभग 40 किलोमीटर की दुरी में स्थित है।
चित्रकोट जलप्रपात Chitrakot Waterfall
यह जलप्रपात छत्तीसगढ़ का सबसे चौड़ा और बड़ा जलप्रपात है , इसे छत्तीसगढ़ नियाग्रा जलप्रपात भी कहा जाता है , इस जलप्रपात की विशेषता यह है की बरसात के समय इसका पानी लाल और गर्मियों में दूध की तरह सफ़ेद होता है, चन्द्रमा की रौशनी में यह और भी मनमोहक लगता है।यह जलप्रपात इन्द्रावती नदी में स्थित है।
Chitrakot Tirathgarh Waterfall Jagdalpur – चित्रकोट एवं तीरथगढ़ जलप्रपात जगदलपुर
जगदलपुर से चित्रकोट जाने के रास्तें में आपको देशी तरीकें का भोजन की व्यवस्था बढे आसानी से होती है, सामान्यत: यहाँ के रहने वाले अपने घर पर ही आपके अनुसार भोजन की व्यवस्था करते है. मांस मछली खाने वालो के लिए देशी मुर्गी की भी व्यवस्था रहती है।
Chitrakot Waterfall – चित्रकोट जलप्रपात जगदलपुर में छत्तीसगढ़ पर्यटन द्वारा संचालित रिसोर्ट भी है जिसका online द्वारा या फिर स्थानीय कार्यालय से बुक किया जा सकता है।
यहाँ के जंगलो से प्राप्त सामग्री, यहाँ के स्थानीय लोगो द्वारा हस्त निर्मित सामान आदि का छोटा सा बाजार लगाया जाता है। यहाँ सपरिवार एक से दो दिनों के लिए पिकनिक के उद्देश्य से जाया जा सकता है , यहाँ जाने का सही समय जुलाई से नवम्बर तक का होता है .
जगदलपुर – तीरथगढ़ जलप्रपात
छत्तीसगढ़ में कई खूबसूरत झरने हैं और विभिन्न जिलों में स्थित हैं। इनमें से एक शानदार झरना है तीरथगढ़ जलप्रपात। यहाँ पानी के गिरने पर कई विभाग बन जाति है जो बहुत ही मनमोहक है । कांगेर राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत होने की वजह से इसे राज्य के इको टूरिज्म वेंचर में लिया जाता है ।
Chitrakot and Tirathgarh Waterfall – चित्रकोट एवं तीरथगढ़ जलप्रपात जगदलपुर बहुत ही प्रसिद्ध होने की वजह से हमें यहाँ अधिकतर लोगो का आना जाना दीखता है , झरना निचे जहाँ गिरता है वहाँ पर भी लोगो की भीड़ देखने बनती है ।
यह झरना चारों तरफ से घने जंगलों से घिरा हुआ है ।यह एक तीर्थ स्थान के लिए भी मशहूर है, यहाँ एक शिव-पार्वती का एक मन्दिर है , बहुत से श्रद्धालु यहाँ त्योहारों के समय पूजा अर्चना के लिए यहाँ आते है ।
इस फॉल्स को ‘मिल्की फॉल्स’ के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यह पानी गिरता है और सफेद दिखता है। यह 300 फीट की ऊंचाई से गिरता है। यह झरना मूंगा नदी का किनारा है और प्रवाह मजबूत है।