Indian Economic Value ( आर्थिक मूल्य ): Economics and Economy यह हमने पिछले अध्याय में पढ़ा । आज यहाँ हम भारतीय अर्थशास्त्र में आर्थिक मूल्य के विषय में पढेंगे ।
What is Economic Value – आर्थिक मूल्य क्या है – इसका अर्थ है किसी भी आर्थिक वस्तु या सेवा के बदले में प्रदान किया गया मूल्य।
उपभोग : आवश्यकता पूर्ति की क्षमता
Quantity – मात्रा
Quality – गुणवत्ता
Time/Timely Delivery – समयानुसार प्रदान करना
- किसी भी वस्तु या सेवा का मूल्य उसकी उपयोगिता से तय होता है ।
- किसी भी वस्तु या सेवा का आर्थिक मूल्य मुख्य रूप से निम्न दो कारणों से होता है
- उपयोगिता या आवश्यकता पूर्ति
- मात्रा , गुणवत्ता और समयबद्ध उपलब्धता
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- इसी को आधार बनाकर अर्थशास्त्रियों ने सीमांत उपयोगिता वक्र (Curve ) का निर्माण किया है । जिसके अनुसार सीमांत उपयोगिता तात्पर्य उपयोगिता के उस स्तर से है जहाँ उपयोगिता सर्वाधिक होती है, उसके बाद मात्रा बढाने पर उपयोगिता कम होती जाति है ।
- आर्थिक गतिविधियों का प्रसारण करते समय , विशेषकर उत्पादन एवं उपयोग के समय सीमांत उपयोगिता का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि उस बिंदु से कम या ज्यादा हो तो उससे आर्थिक नुकसान होगा ।
आर्थिक मूल्य का निर्धारण : किसी भी वस्तु एवं सेवाओं का आर्थिक मूल्य तिन तरीकों से तय होगी जो अर्थव्यवस्था के प्रकार पर निर्भर होती है ।
Indian Economic Value ( आर्थिक मूल्य )
आर्थिक मूल्य ( Economic Price )
- बाजार मूल्य प्रणाली – Market Price Mechanism
- प्रशासित मूल्य प्रणाली – Administrative Price Mechanism
- मिश्रित मूल्य प्रणाली – Mixed Price Mechanism
बाजार मूल्य प्रणाली – Market Price Mechanism
- जहाँ पर मूल्य मांग व पूर्ति के स्थिति के आधार पर तय होता है ।
- यहाँ मूल्य तय करने में सरकार की कोई भूमिका नहीं रहती है ।
- यह प्रणाली पूंजीवादी देशों में दिखाई देती है ।
प्रशासित मूल्य प्रणाली – Administrative Price Mechanism
- इस प्रणाली में सरकार का हस्तक्षेप रहता है ।
- सरकार मांग और शर्तों को प्रभावित कर मूल्य तय कर सकती है , जैसे – पेट्रोल, डीजल, तेल अनाज आदि ।
- इसके मूल्य में सब्सिडी देकर मूल्य को निचे लाया जाता है ।
- ये समाजवादी देशों में चलती है ।
मिश्रित मूल्य प्रणाली – Mixed Price Mechanism
- इसमें कुछ मूल्य बाजार एवं कुछ मूल्य सरकार के हस्तक्षेप से बनते है।
- जो सबसे ज्यादा जरुरत की चीज होती है उस पर सरकार अपने अनुसार मूल्य लगाती है ।
- जो रोजाना की चीजें होती है उसे बाजार तय करती है ।
- भारत में यही प्रणाली – मिश्रित प्रणाली अर्थव्यवस्था चलती है ।
अर्थव्यवस्था के प्रकार
- विचारधारा के आधार पर – पूंजीवादी , समाजवादी एवं मिश्रित
- विकास के आधार पर – अल्प-विकसित , विकासशील एवं विकसित
- विचारधारा विकास के आधार पर – पहली दुनिया के देश , दूसरी , तीसरी एवं चौथी दुनियां के देश
- प्रति व्यक्ति के आधार पर – निम्न आय अर्थव्यवस्था , मध्य एवं उच्च आय अर्थव्यवस्था
- खुलेपन के आधार पर – खुली अर्थव्यवस्था , बंद अर्थव्यवस्था
- क्षमता के आधार पर – आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था एवं निर्भर अर्थव्यवस्था
- भौगोलिक के आधार पर – क्षेत्रीय , राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था
- क्षेत्रक के आधार पर – प्राथमिक, द्वतियक एवं तृतीयक अर्थव्यवस्था
अर्थव्यवस्था के प्रकारों का विस्तृत अध्ययन हम अगले भाग में पढेंगे , हमसे जुडे रहें और पढ़ते रहें ।