Indus Valley Civilization- Kalibanga, Lothal, Banawali, Dholavira सिन्धु घाटी सभ्यता – कालीबंगा,लोथल,बनावली, धौलाविरा – सिन्धु घाटी सभ्यता में हमने इसके पहले इसका नामकरण, विस्तार काल निर्माण का निर्धारण एवं इसके प्रमुख नगर कौन कौन से है इसके बारे जाना। यह इतिहास को जानने का पुरातात्विक स्रोत का हिस्सा है ।
सिन्धु घाटी सभ्यता – Indus Valley Civilization में हमने खुदाई में जो नगर की जानकारी प्राप्त हुई उसमें से हमने कुछ की जानकारी के बारे में जाना, इस अध्याय में हम अन्य प्रमुख नगरों के बारे में पढेंगे ।
प्रमुख नगर
- हड़प्पा
- मोहन जोदड़ो
- चन्हुदड़ो
- कालीबंगा
- लोथल
- बनावली
- धौलाविरा
इन सभी नगरों में से हम पहले की तीन नगरों का विस्तृत जानकारी प्राप्त की अब शेष नगरों के बारे में जानेंगें ।
कालीबंगा – Kalibanga
कालीबंगा का शाब्दिक अर्थ है – काली चूड़िया
- खोज : इसकी खोज 1953 में “अमलानंदघोष” के द्वारा किया गया ।
- स्थिति : राजस्थान के “घघ्घर नदी” के तट पर स्थित है ।
उत्खनन से प्राप्त
- अग्निवेदी (हवन कुण्ड)
- कच्चे ईंटों के मकान
- सिन्धु आकृति (Design) वाली “बेलनाकार” मोहरे ।
- मृदा (मिटटी) पट्टिका पर उत्कीर्ण “सिंगयुक्त देवता”।
- जुताई किये हुए खेत ।
- यहां से जुताई किये हुए खेतमें “हल रेखाओं” के दो समूह “एक दुसरे” के “समकोण” पर काटते हुए है जो यह दर्शाता है की यहाँ “एक साथ” “दो फसलें” उगाई जाती थी ।
Indus Valley Civilization- Kalibanga, Lothal, Banawali, Dholavira
लोथल – Lothal
- खोज : इसकी खोज 1957 में “रंगनाथ राव” के द्वारा किया गया ।
- स्थिति : गुजरात के “भोगवा नदी” के तट पर स्थित है ।
लोथल के “पूर्वी भाग” में “गोदिवाड़ा” के प्रमाण मिले है, अतः यह सिन्धु सभ्यता का “बंदरगाह नगर” था ।
उत्खनन से प्राप्त
- युगल शवाधान
- फारस की मोहर
- अग्नि पूजा के प्रमाण
- घोड़े की संदिग्ध मुर्तिका
- यहाँ मनके (मोती) बनाने के भी कारखाने प्राप्त हुए है ।
बनावली – Banawali
- खोज : इसकी खोज 1973 में “आर.एस. विष्ठ” के द्वारा किया गया ।
- स्थिति : हरियाणा है ।
उत्खनन से प्राप्त
- यहाँ से एक मिटटी का खिलौना मिला था जो की “हल” की आकृति का है ।
- यहाँ से उन्नत किस्म का “जौ/यव” के साक्ष्य प्राप्त हुए है ।
धोलावीरा – Dholavira
- खोज : इसकी खोज 1990 में “आर.एस. विष्ठ” के द्वारा किया गया ।
- स्थिति : गुजरात है ।
उत्खनन से प्राप्त
- यहाँ से पॉलिश किये हुए “श्वेत पाषाण खंड” बड़ी संख्यां में मिले है ।
- यहाँ से “नाम पट्टिका” ( Name Plate) के भी साक्ष्य मिले है ।
विशेष
- ये भारत में खोजे गए “सिन्धु सभ्यता” के बड़े नगरों में से एक है ।
- यहाँ “जल प्रबन्धन” निति सबसे उन्नत थी ।
सिन्धु घाटी सभ्यता खोज एवं खोजकर्ता संक्षिप्त में
प्रमुख नगर वर्ष खोजकर्ता नदी तट
हड़प्पा 1921 दयाराम साहनी रावी
मोहन जोदड़ो 1922 राखलदास बैनर्जी सिन्धु
चन्हुदड़ो 1931 गोपाल मजुमदार सिन्धु
कालीबंगा 1953 अमलानंद घोष घघ्घर
लोथल 1957 रंगनाथ राव भोगवा
बनावली 1973 आर.एस. विष्ठ
धौलाविरा 1990 आर.एस. विष्ठ
मोहन जोदड़ो 1922 राखलदास बैनर्जी सिन्धु
चन्हुदड़ो 1931 गोपाल मजुमदार सिन्धु
कालीबंगा 1953 अमलानंद घोष घघ्घर
लोथल 1957 रंगनाथ राव भोगवा
बनावली 1973 आर.एस. विष्ठ
धौलाविरा 1990 आर.एस. विष्ठ