रजिया सुल्तान ( 1236-40 )
- अपने भाई रुकमुनुद्दीन फिरोज के स्थान पर रजिया सहमती के द्वारा 1236 में गद्दी पर बैठी।
- रजिया ने भटिंडा के सूबेदार अल्तुनिया से विवाह किया।
- रजिया व अल्तुनिया का डकैतों ने कैथल नामक स्थान पर हत्या कर दी।
पतन का कारण
रजिया का स्त्री होना।
गुलाम तुर्क सरदारों की महत्वकांक्षा
नासिरुद्दीन महमूद ( 1246-66 )
- नासिरुद्दीन महमूद ने स्वयं को संत शासक घोषित किया।
- अपना जीवन निर्वाह कुरान लिखकर एवं टोपी सिलकर करता था।
- इसका प्रधानमंत्री ग्यासुद्दीन बलबन था।
- नासिरुद्दीन महमूद की मृत्यु बलबन के द्वारा जहर देकर 1266 ईस्वी में हुई।
रजिया सुल्तान – गुलाम वंश
ग्यासुद्दीन बलबन ( 1266-86 )
मूलनाम – बहाउद्दीन
- ग्यासुद्दीन बलबन को उलुगखां की उपाधि नासिरुद्दीन महमूद के द्वारा ही दिया गया था।
- बलबन ने दिल्ली में लाल महल का निर्माण करवाया।
- बलबन ने स्वयं से “जिल्ले इलाही” की उपाधि धारण की जिसे इश्वरी छाया कहा जाता है।
- इसने राजवंत का सिद्धांत लागू किया , जिसके अनुसार “नियामत – ऐ – खुदाई” ( राजा ईश्वर का प्रतिनिधि )
- बलबन ने “पाबोक्ष” एवं “सिजदा” की प्रथा चलाई।
- नौरोज नामक त्यौहार की शुरुआत की।
- बलबन की इन्हीं सब निति को लौ – और – रक्त की निति से जानी जाति है।
- इनके दरबार में दरबारी कवि “आमिर खुसरों” थे।
- इसके द्वारा “तुर्कान – ऐ – चहलगामी” को नष्ट किया गया।
- बलबन की मृत्यु अपने पुत्र की 1286 ईस्वी में मृत्यु के शोक में हो गई।
- दीवान – ऐ – अर्ज विशाल सेना का वजीर था।
क्युमर्स ( 1290 )
- क्युमर्स गुलाम वंश के अंतिम शासक थे।
- कयकाबाद क्युमर्स से पहले का शासक था।