सिन्धु सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता का पतन कैसे हुआ यह एक विवाद का विषय है, भिन्न भिन्न विद्वानों ने इसके पतन के भिन्न भिन्न कारण बताये जो निम्न प्रकार से है :
- बाह्य आक्रमण ( आर्यों का आक्रमण ) – व्हीलर ने कहा था ।
- प्रशासनिक शिथिलता – जॉन मार्शल ।
- बाढ़ – मैके और मार्शल ।
- पारिस्थितिक असंतुलन – फेयर सर्विस ।
- भू-तात्विक परिवर्तन – डेल्ब ।
किन्तु पतन के लिए किसी एक कारण को उत्तरदायी नहीं माना जा सकता, अतः समस्त कारणों का प्रभाव इसके पतन के लिए उत्तरदायी रहा होगा ।
अन्य तथ्य
- हड़प्पा नामक पुरास्थल के बारे में सर्वप्रथम जानकारी 1826 में चार्ल्स मेंसन ने दिया । किन्तु उस समय किसी ने भी ध्यान नहीं दिया था ।
- इसके बाद 1856 में करांची से लाहौर के बीच रेल्वे लाइन के निर्माण के समय ब्रंटन बंधुओं को कुछ ईट तथा गिट्टियों की आवश्यकता हुई और इसे प्राप्त करने के क्रम में हड़प्पा नामक पुरास्थल की जानकारी मिली ।
- स्टुवर्ड पिकर्ड ने हड़प्पा व मोहनजोदड़ो को जुड़वाँ (स्टुवर्ट पिग्गट) राजधानी कहा है ।
- लोथल को लघु हड़प्पा व लघु मोहनजोदड़ो भी कहा जाता है ।
- चन्हुदड़ो से प्रसाधन सामाग्री जैसे कि लिपस्टिक के साक्ष्य प्राप्त हुए है ।
- रोपड़ भारत के पंजाब प्रांत में स्थित है जो की स्वतंत्रता के बाद खोजा गया पहला स्थान है ।
- रोपड़ में मालिक के साथ कुत्ते को दफ़नाने के साक्ष्य भी प्राप्त हुए है ।
- भारत में विशालतम हड़प्पाकालीन स्थल धौलाविरा (गुजरात) राखिगढ़ी (हरियाणा) है ।
- संभवतः स्वस्तिक चिन्ह हड़प्पा से ही प्राप्त हुआ है ।
- सिंधुघाटी सभ्यता का विस्तार मुख्यतः भारत, पाकिस्तान व अफगानिस्तान है ।
सिंधुघाटी सभ्यता का पतन
हड़प्पाकालीन प्रमुख स्थल
- डानरकोट-बलूचिस्तान
- मुण्डीगाक-अफगानिस्तान
- शुर्तगोई-अफगानिस्तान
- कोट्दजी-सिंध पाकिस्तान
- रोपड़-पंजाब
- राखिगढ़ी-हरियाणा
- रंगपुर-गुजरात
- रोजदी-गुजरात
- मालवण-गुजरात
- धौलाविरा-गुजरात
- ईनामगाँव-महाराष्ट्र