कोणार्क सूर्य मंदिर का निर्माण गंगा राजा नरसिंह देव (I) के शासनकाल के दौरान सूर्य (अर्का) की मूर्ति की स्थापना के लिए किया गया था। यह ओडिशा का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।
कोणार्क सूर्य मन्दिर ओडिशा में तीर्थ स्थल पूरी से लगभग 40 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। पेरिप्लस ( प्रथम सदी ) में उल्लेखित “कोइनापरा ” तत्कालीन समय में उड़ीसा के समुद्र तट पर स्थित महत्वपूर्ण बंदरगाह था। सूर्य मन्दिर जो की उड़ीसा ( वर्तमान में ओड़िसा ) की स्थापत्य कला की अनुपम कृति है, का निर्माण 1250 ई. में पूर्वी गंग राजा नरसिंह देव प्रथम ( 1238-1264 ई.) के राज्यकाल में सूर्य (अर्क ) प्रतिमा के स्थापना हेतु किया गया था।
Konark Sun Temple ( Surya Mandir) Odisa – कोणार्क सूर्य मन्दिर ओड़िसा
कोणार्क सूर्य मन्दिर को एक विशाल रथ के रूप में अनुकृत किया गया है जिसमें बारह जोड़ी पहियें लगे हुए है एवं इसे सात घोड़े खिंच रहें है। सम्पूर्ण मन्दिर में दैवीय , मानव , जिव जंतुओं के साथ साथ ज्यामितिक आंकड़े है। इसमें अलग अलग भाव भंगिमाएं विशेष दर्शनीय है।
इस मन्दिर का नाम संस्कृत के दो शब्दों को मिलाकर रखा गया है, कोण ( कोना – Corner ) एवं अर्क ( सूर्य Sun ) अर्थात हम कह सकते है की कोने में बनाया गया सूर्य का मन्दिर। कोणार्क सूर्य मन्दिर (Konark Sun Temple) एक रथ के रूप में है जो हमारे सूर्य देवता का रथ है जिसे सात घोड़े मिलकर खीचतें थे। कहा जाता है की जो इस मन्दिर में पहियें बने है वो माह के सूचक है। हर पहिये में 8 पहर ( 24 घंटे ) के सूचक इसमें बने स्तम्भ है।
आज भी यहाँ सरकार द्वारा मरम्मत का कार्य जारी है क्यूंकि यह ऐतिहासिक जगह धीरे धीरे खंडहर ना हो जाये इसलिए इसका नवीनी करण एवं देख रेख किया जाना जरुरी है। यह मन्दिर भारत के सूर्य मंदिरों में से एक है परन्तु इसकी अपनी छबी और वास्तुकला है जो बाकियों से इसे अलग रखती है और महत्वपूर्ण बनती है।
पूरी कोणार्क मार्ग में चंद्रभागा नामक एक जगह है जो बहुत ही मनमोहक है , यह स्थान समुद्र तट पर ही है , कहा जाता है की यही वह स्थान है जहाँ प्राचीन या सनातन काल में चंद्रभागा नदी का समुद्र में विलय होता था। कोणार्क सूर्य मन्दिर के सामने एक मंडप हॉल बना हुआ है , कहा जाता है की यहाँ नर्तकियां नृत्य किया करती थी , यह मंडप भी खंडहर होता जा रहा है। आज भी यहाँ विदेशी पर्यटकों की संख्या बहुत ज्यादा है।
कोणार्क सूर्य मन्दिर पहुँच मार्ग -Konark Sun Temple Access Route
कोणार्क जाने के लिए ओडिशा की राजधानी भुबनेश्वर से भी जाया जा सकता है जो की लगभग 60 किलोमीटर दूर है और पूरी जगन्नाथ से भी जाया जा सकता है।
नजदीकी रेलवे स्टेशन : पूरी रेलवे स्टेशन
बस स्टैंड : भुबनेश्वर एवं पूरी
पर्यटक बस : ओडिशा टूरिज्म पूरी या भुबनेश्वर